Vishal Ramawat

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THE WORST ANIMAL(HUMAN)-11

वह सभी वहां से उठकर क्लास  में आए सभी को मौली के डर के मारे पसीने छूट रहे थे इसलिए सभी पंखे के नीचे आकर बैठे और उसमें से राहुल बोला और आज तो बच गए । जिस तरह से वह हमारे सामने आ रही थी हमें तो लगा था हम तो गए आज तो हम काम से गए।उसका चेहरा देखकर ही लग रहा था वह कितने गुस्से में थी कल जैसे उस को पीटा था आज हमारी बारी थी।

सौरभ बोला मुझे तो आदित्य की फिक्र हो रही थी कई वो आदित्य को मारना शुरू ना करती यह जाकर उस सामने खड़ा तो हो गया था। यह चला था हीरो बनने यह खुद को हीरोपंती का टाइगर श्रॉफ समझ रहा था पर डर तो इसे भी लग रहा था पर उसने कुछ नहीं कहा बॉल दे कर चली गई । लड़की स्वभाव से तो अच्छी लगती है पर गुस्सा बहुत है इतना तो पता चल गया।

सभी ऐसे बैठ कर बातें कर रहे थे फिर क्लास में जब टीचर आया तो सभी लोग पढ़ाई करने लगे। शाम के समय स्कूल बस से घर जाने के लिए सभी बस की तरफ जा रहे थे उधर मौली और सलोनी भी अपनी बस की तरफ से आ रही थी एक बार फिर उन दोनों का सामना उन पांचों से हुआ सभी की  नजरें मिली तो वह मौलवी को देखकर वह पांचों इतनी स्पीड से अपने बस की तरफ भागे की मौली और सलोनी के चेहरे पर मुस्कान आ गए कि यह लोग कितना डरते हैं।

वो पांचों अपनी बस में जाकर बैठ गए और यह दोनों भी अपने बस में जाकर बैठ गई। कुछ देर में दोनों बसें अलग-अलग दिशा में बढ़ने लगी 15 मिनट बाद मौली का घर आ गया फिर सलोनी भी अपने घर उतर कर अपने कमरे में चली गई । मौली  ने हाथ मुंह धोए और खाना खाने नीचे आ गई उसकी मम्मी ने उसकी पसंद की सब्जी बनाई थी इसलिए जल्दी से आ कर बैठी उसके लिए खाना लगाया और वह दोनों बातें करते हुए खाना खाने लगी उधर सलोनी भी खाना खाने बैठी अभी भी घर में वैसा ही माहोल था उस समय घर पर उसके पापा नही थे फिर भी घर में शांति पसरी हुई थी।

सलोनी चुपचाप खाना खा रही थी ना वो किसी से बात कर रही थी ना घर वाले किस से बात कर रहे थे। कुछ देर बाद उसकी मां उसके पास आकर बैठती हैं और बोली अपने पापा पर गुस्सा मत हुआ कर तू तो जानती है उनका स्वभाव कैसा है कोई कुछ बोल देता है तो उसे ही सच मान लेते हैं पूरी बात जानने की भी कोशिश नहीं करते तो सलोनी अपनी मां की तरफ देख कर बोली अगर ऐसा ही है ।

शर्मा जी ने जो भी बोला उसे इन्होंने सच मान लिया पूरी बात जानने की भी कोशिश नहीं की। कल को अगर कभी मेरे बारे में किसी ने गलत बोला या झूठ बोल दिया यह तो उसे भी सच मान लेंगे और उस पर विश्वास कर लेंगे कि मैंने गलत काम किया है मैंने ऐसा कुछ नहीं किया हो फिर भी।

इनको देख कर तो ऐसा लगता है कि यह तो कंफर्म भी नहीं करेंगे या मेरे से एक बार पूछने की भी जरूरत नहीं समझेंगे कि मैंने ऐसा किया या नहीं  किया। बस मुझे सजा सुना देंगे तुमने गलत काम किया है तो बस किया है।

सलोनी की मां बोली तुम ऐसा क्यों कह रही हो तेरे पापा ऐसा कभी नहीं समझेंगे तेरे बारे में गलत। वह कभी गलत नहीं बोलने वाले भरोसा रखो वो अपनी बेटी के बारे में कभी गलत नही बोल सकते। तो मौली उनकी बेटी जैसे नहीं है क्या अगर वो मेरे बारे में गलत नहीं बोल सकते तो मौली के बारे में कैसे गलत बोल सकते हैं । आप सभी लोग एक चीज से अनजान है और याद रखना  जिस दिन अगर वह बात सामने आ गई आप लोग कभी खुद को माफ़ नहीं कर पाओगे ।

किसी ने वादा लिया हुआ है इसीलिए मैं शांत हूं वरना अब तक तो बात पता चल चुकी होती आप लोगों को और जब आप लोग आज यह बात बोल नहीं रहे होते पर ना वह कभी नहीं बोल पाते। इतना कह कर वह खाना अधूरा छोड़कर अपने कमरे की तरफ चली गई और जोर से दरवाजा बंद करके बिस्तर पर उल्टी लेट गई और रोने लग गई उसने अपने मुंह पर तकिया लगाए जिससे उसके रोने की आवाज मार सुनाई ना दे और रोते रोते सो गई।

दूसरी तरफ मौली खाना खाकर अपने कमरे में आई और रोजाना के रूटीन के जैसे और पढ़ने बैठ गई।

वो पांचों एक-एक करके अपने घर की तरफ चले गए पांचों का घर एक ही मोहल्ले में था इसलिए सभी की दोस्ती शुरू से ही थी।

आदित्य के घर में उसके मम्मी पापा और एक छोटी बहन थी आदित्य की पापा की एक की एक शॉप थी और बहन अभी 8 क्लास में थी और मां हाउसवाइफ थी।

शुभम के भी पापा ऑटो रिक्शा चलाते है और मां हाउसवाइफ है वह घर में अकेला था। राहुल के पापा गवर्नमेंट टीचर थे और उसकी मां टीचर थी वह भी घर में अकेला था।

सिद्धार्थ के दो भाई थे और एक बहन थी उसके पापा नहीं थे मां ही थी जो प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी। सिद्धार्थ का छोटा भाई अभी स्कूल में था और बहन भी अभी स्कूल में ही थी सबसे बड़ा सिद्धार्थ ही था।

सौरव की मम्मी पापा दोनों ही नहीं थे वह अपने दादा दादी के साथ रहता था।

पांचवा अजय था जो पढ़ने लिखने में भी अच्छा था और खेलकूद में भी चाचा चाची के साथ रहता था उसके मम्मी पापा की कुछ साल पहले डेथ हो गई थी ।

रात के 11:00 बजे एक आदमी शराब पीकर घर आ रहा है उसने हद से ज्यादा पी रखी थी। वह अपने घर के बाहर जाकर जोर-जोर से दरवाजा बजाने लगा साथ में गाली भी दिया जा रहा था वह कुछ देर बाद उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला । तो उस आदमी ने अपनी पत्नी को लात मारी जिससे वह पीछे की तरफ गिर गई और उसके हाथ के ऊपर अपना पैर रखकर आदमी अंदर चला गया। वह आदमी अपनी पत्नी को गाली देते हुए खाना लगाने के लिए बोला।

वह औरत कुछ नहीं बोली और चुपचाप उठकर उसके लिए खाना लेकर उसे दिया वहीं उसके पास बैठ गई। कुछ देर तो उस आदमी ने शांति से खाना खाया फिर वापस उस औरत को सुनाने लग गया । घर छोटा था उनका तो एक तरफ रसोई थी और एक तरफ एक कमरा जहा यह लोग सोते थे। घर में 3 लोग थे एक इनकी बेटी भी थी जो अभी 14 साल की थी इस वक्त पढ़ रही थी। जब आदमी घर आया तो उसकी आवाज सुनकर वह की रसोई की तरफ चली गई क्योंकि उसे पता था कि अगर वह सामने रही तो वह उसे मारेगा इसलिए को एक तरफ जाकर पढने लगी । यह आदमी ऑटो चल रहा था था और उसकी पत्नी घरों में सफाई का काम करती थी यह लोग मौली के ही मोहल्ले में रहते है।

खाना खाने के बाद आदमी अब उस औरत को बोला चल अब सोते है वह औरत बोली अभी रिंकी जग रही है उसे सोने दो पर वह आदमी नहीं माना और अपनी पत्नी के साथ जबरदस्ती करने लगा । आदमी अपनी पत्नी को मार भी रहा था उसके चेहरे पर थप्पड़ मार रहा था उसे पता ही नहीं चल रहा था कि वह कर क्या रहा है । उसने अपनी पत्नी के सारे कपड़े फाड़ दिए और उसके चेहरे पर से कट लग गया था ।

इस वजह से खून निकल रहा था पर उसे तो इसकी कोई परवाह ही नहीं थी वह बस अपनी हवस मिटाने की कोशिश कर रहा था। अपनी मम्मी के रोने की आवाज सुनकर रिंकी बाहर आई तो उसने देखा कि उसके पापा उसकी मां के साथ जबरदस्ती कर रहे हैं। यह लगभग रोज का था पर रिंकी कभी बीच में नहीं बोली क्योंकि उसके पापा जब भी वह बोलती थी उसे मारते थे।

रोजाना तो रिंकी के पापा उसकी मम्मी पर सिर्फ हाथ उठाते थे या मारते थे पर आज वह उसके सामने ही जबरदस्ती कर रहे थे ऐसा नहीं था कि वह आज पहली बार जबरदस्ती कर रहा था जबरदस्ती रोजाना करता था । तब बस रिंकी के सोने के बाद पर आज वह उसके सामने कर रहा था रिंकी ने हिम्मत कर के बीच में गई और उसके पापा को अपनी मां के ऊपर से अलग करने की कोशिश की ।

एक बार तो उसके पापा ने उसे धक्का दे दिया जिससे वह गिर गई और उसके दाहिने हाथ में चोट लग गई फिर भी वह वापस उठ कर आए और अपनी मां को बचाने की कोशिश करने लगी अब उसके पापा को गुस्सा आ गया।

उसने रिंकी को पकड़ा और इसे मारने लगे रिंकी की मां बीच में बचाने आई तो उसने उसे जोर से धक्का दिया तो वह सामने पड़े टेबल के कोने से टकरा गई और उसके सिर में लग गई जिससे वह बेहोश होकर गिर गई नीचे । वह आदमी इतना नशे में था की उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि उसकी पत्नी को चोट लग गई है और वह गिर गई है। यह अपनी बेटी को मारता रहा और फिर उसके साथ ही जबरदस्ती करने लगा आखिरकार वह कामयाब हुआ और उसने अपनी बेटी की इज्जत लूट ली।

फिर वह आदमी अपनी बेटी को खून से लथपथ छोड़ कर घर से भाग गया । रिंकी के प्राइवेट पार्ट से खून निकल रहा था और उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था। उसके बाप ने उसके चेहरे पर मारा पेट में मारा सभी जगह उसे मारा और अपने दांतों से काटा भी था जगह-जगह पूरा शरीर लाल हो चुका था उसका।

वह खड़ी भी नहीं हो पा रही ना उसके मुंह से आवाज निकल रही थी बस आंखों से आंसू निकल रहे थे और वह ऐसे ही बिना कपड़ों में जमीन पर पड़ी रही । दूसरी तरफ उसकी मां के चेहरे से खून निकल रहा था और वह भी बेहोश हो चुकी थी घर का दरवाजा खुला हुआ पड़ा था ।  अब सुबह हो चुकी थी जब दूध वाला दूध देने आया तो उसने दरवाजा खुला देखा जब घर में आकर देखा तो दोनों की हालत ऐसी हो रखी थी रिंकी के शरीर पर कपड़े नहीं थे और रिंकी के मां के शरीर पर भी ना के बराबर कपड़े थे दोनों की हालत देखकर वह डर गया उसने बाहर जाकर चिल्लाना शुरू कर दिया सभी वहां इकट्ठा हो गए उसमें मौली भी थी।

कहानी जारी रहेगी भाग आप लोगों को पढ़ने के लिए जल्द मिलेगा तब तक पढ़ते रहिए अपना और अपने परिवार का ख्याल रखें क्योंकि कोई और रखने नहीं आएगा सुनो सबकी करो अपने मन की।

कमश:
।। जयसियाराम ।।

vishalramawat"सुकुन"(जाना)


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10 Comments

Natasha

05-Apr-2023 12:15 PM

Nice

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Radhika

04-Feb-2023 07:57 PM

Nice

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Sant kumar sarthi

04-Feb-2023 07:32 PM

Nice 👍🏼

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